Maheshwari Logo with name "Maheshwari" in Hindi | Maheshwari | Maheshwari Symbol | Mahesh Navami – Great celebration of Maheshwari community | The Maheshwari | Maheshwari Samaj ka Symbol

This Maheshwari symbol "Mod (मोड़)" is associated with the existence and identity of Maheshwari community. Similarly, Maheshwari flag "Divydhwaj" is a symbol of the lofty heritage/legacy of Maheshwari community and the pride of Maheshwari. This Maheshwari logo and Maheshwari flag represent the entire Maheshwari community, keep the entire Maheshwari society connected with each other, ensure the unity of the society, inspire the Maheshwari community to keep moving forward on the path of progress, At the same time, every Maheshwari person and Maheshwari community expresses complete dedication and devotion towards Lord Mahesha and Adishakti Goddess Maheshwari (Goddess Parvati). Keeping this Maheshwari symbol and Maheshwari flag as witness, the Maheshwari community celebrates the origin day of their community "Mahesh Navami" with great pomp and devotion.

माहेश्वरी समुदाय के अस्तित्व और पहचान से जुड़ा हुवा है यह माहेश्वरी प्रतीकचिन्ह "मोड़"। इसी तरह से माहेश्वरी समाज की बुलंद विरासत और माहेश्वरी गौरव का प्रतीक है माहेश्वरी ध्वज "दिव्यध्वज"। यह माहेश्वरी प्रतीकचिन्ह और माहेश्वरी ध्वज समस्त माहेश्वरी समाज का प्रतिनिधित्व करते है, समस्त माहेश्वरी समाज को आपस में एक दूसरे से जोड़े रखते है, समाज की एकता को सुनिश्चित करते है, समाज को प्रगति के रास्ते पर सतत आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देते है, साथ ही हरएक माहेश्वरी व्यक्ति और माहेश्वरी समुदाय की भगवान महेश और आदिशक्ति देवी महेश्वरी (देवी पार्वती) के प्रति सम्पूर्ण समर्पणभाव और भक्तिभाव को प्रकट करते है। इसी माहेश्वरी प्रतीकचिन्ह और माहेश्वरी ध्वज को साक्षी रखकर माहेश्वरी समुदाय अपने समाज के उत्पत्ति दिवस "महेश नवमी" को बड़े ही धूमधाम और भक्तिभाव से मनाता है।

maheshwari


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माहेश्वरी क्यों दुर हो रहे है अपनी संस्कृति से ? 
माहेश्वरीयों को 'जय महेश' कहने में क्यों आती है शर्म ?
चलिए और गोर से समझ लेते हैं, आप किसी माहेश्वरी के छोटे बच्चे को जय महेश बोलो वो आपको बदले में क्या जवाब देगा ?
फिर एक जैन के बच्चे को 'जय जिनेन्द्र' कहिये देखिये वो आपको क्या जवाब देता है...
आप खुद समझ जायेंगे की हमारी आने वाली पिढ़ी कहा जा रही है...
यह तो बस एक छोटासा उदाहरण है....... बाकी आप समझदार है...

 आप इतना तो कर ही सकते है...
- अपने घर में छोटे बच्चो को 'जय महेश' कहिये.
- उनसे भी जवाब में 'जय महेश' कहने की आदत डालिए.
- बच्चों को समय-समयपर मंदिर घुमाने लेकर जाइए.
- भगवान महेश (महादेव), पार्वती, गणेशजी की कहानीयां सुनाये....
- उन्हे तिलक लगाने की आदत डालें.
- घर से बाहर जाते समय सबको 'जय महेश' कहकर बाहर निकलिए.
- जब दो माहेश्वरी आपस में मिले तो अभिवादन में 'जय महेश' कहा कीजिये.
- घर में, परिवारवालों से, रिश्तेदारों से और समाजबंधुओं से मारवाड़ी
(राजस्थानी) भाषा में ही बातचीत किया कीजिये.
- रोजाना या सोमवार को घरपर सपरिवार महेशजी की आरती करें.
- गलती होने पर - हे महेश ! बोलने की आदत डालें.
- मुसीबत आये तो "हे माँ भवानी रक्षा करो" या "महेशजी रक्षा करो" बोलिए.

(भले ही आप को इसमें की सभी बातें सही ना लगे तो कोई बात नहीं, इसमें से जो अच्छा लगे, जितना सही लगे उसे ही अपने जीवन में उतारो ये भी बहुत बड़ी बात होगी, कहीं न कहीं से एक शुभ शुरुवात तो होगी !)

...अब एक किस्सा सुनो 

पिछले संडे को मैने सोचा सबको "जय महेश" बोल के देखुं तो संडे को घुमने का मुड़ था सब दोस्त एक मॉल के बाहर मिले कुछ लड़कियां भी थी ...तो वहां मैने सोचा चलो सबको "जय महेश" बोलता हुं और सबके सामने जाते ही कहा- जय महेश दोस्तो...
जैसा की होना था सब पेट पकड़-पकड़ कर हंसने लगे.

मैं भी कमर कस के गया था मैने वहां मेरे एक दोस्त इमरान को बुला लिया था. थोडी देर बाद जब वो आया तो मैने उसे अस-सलाम-वालेकुम कहा, उसने तुरंत वालेकुम-अस-सलाम कहा. सबकी शकल देखने लायक थी.. मैं बोला दम हो तो अब हंस के दिखाओ...

आप भी समझ गये होंगे.. की हमें क्या करना है...

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