The holy religious Flag of Maheshwari community called Divydhwaj is mainly hoisted and used during Mahesh Navami and Maheshwaris other religious programs
The Divy Dhwaj or Divydhwaj (Hindi : दिव्यध्वज), also known as the Maheshwari Flag or Religious flag of worldwide Maheshwari community, holds great significance in Maheshwari Community as a sacred emblem that represents the Maheshwari faith and its values. The saffron swallowtail flag of the Maheshwari is called a "Divydhwaj". Divy means divine and Dhwaj or Dhwaja means symbol, standard or a mark of identity. The Divydhwaj is the Maheshwari flag and plays an important role in the Maheshwari Community. Flag "Divydhwaj" is religious flag of Maheshwaris / Maheshwari community. Divy Dhwaja is the banner and insignia of the Maheshwari Community. The flag "Divydhwaj" is the symbol of Maheshwari culture and identity. Maheshwari Flag "Divydhwaj" is one of the main Maheshwari symbol. Divydhwaj is mainly hoisted and used during Mahesh Navami and Maheshwaris other religious programs.
Design and construction details -
The Divydhwaj is a Maheshwari holy swallowtail flag made of cotton or silk cloth. It is a plain saffron-coloured swallowtail-shaped cloth. According to the flag code of Maheshwari, the Maheshwari flag has a ratio of two by three (Proportion : 2:3). The Mod to be printed or painted on the flag in dark blue (colour code : #002157, RGB 0-33-87, CMYK 100-75-0-60) or black. The size of the Mod is not specified in the Flag code.
माहेश्वरी समाज का ध्वज / झंडा - दिव्यध्वज -
दिव्यध्वज (English: Divydhwaj), जिसे माहेश्वरी ध्वज के रूप में भी जाना जाता है, माहेश्वरी समुदाय में एक पवित्र प्रतीक के रूप में बहुत महत्व रखता है जो माहेश्वरी आस्था और उसके मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है. माहेश्वरी समाज का ध्वज जिसे "दिव्यध्वज" कहते हैं, केसरिया (saffron) रंग के ध्वज पर गहरे नीले अथवा काले (black) रंग में माहेश्वरी निशान "मोड़" द्वारा सुशोभित ध्वज है. दिव्यध्वज माहेश्वरी समाज का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ध्वज है. "दिव्य ध्वज" माहेश्वरीयों / माहेश्वरी समाज का धार्मिक झंडा / ध्वज है। यह माहेश्वरीयों के प्रमुख प्रतीकों में से एक है. यह माहेश्वरीयों की विशिष्ठ पहचान और माहेश्वरी संस्कृति का शास्वत सर्वमान्य प्रतीक है. हम न भूले की- “जो समाज अपनी विशिष्ठ पहचान और अपने प्राचीन गौरव को भुला देता हैं; वह अपनी एकता, सुरक्षा, सुख-समृद्धि के आधार स्तम्भ को खो देता हैं.” "दिव्यध्वज" माहेश्वरी संस्कृति, अस्मिता एवं माहेश्वरी पहचान का प्रतीक है. माहेश्वरी संस्कृति, समृद्धि, विकास, अस्मिता, ज्ञान, सुसंस्कार और विशिष्टता का प्रतीक है यह दिव्यध्वज. माहेश्वरी समाज की विशिष्ठ पहचान और गौरव का प्रतिक है दिव्यध्वज.
रंग-रूप (डिझाइन) -
माहेश्वरी ध्वज जिसे "दिव्यध्वज" कहते है, केसरिया (भगवा) रंग के कॉटन अथवा सिल्क के कपडे से बना होता है; यह दो त्रिकोण के आकारवाला (swallowtail shaped) होता है. भगवा रंग उगते हुए सूर्य का रंग है; उगते सूर्य के रंग को ज्ञान, कर्म, वीरता, त्याग का प्रतीक माना गया और इसीलिए हमारे पूर्वजों ने इसे प्रेरणा स्वरूप माना. भगवा रंग अधर्म के अंधकार को दूर करके धर्म का प्रकाश फैलाने का संदेश देता है. यह हमें आलस्य और निद्रा को त्यागकर उठ खड़े होने, कर्म करने और अपने कर्तव्य में लग जाने की भी प्रेरणा देता है. यह हमें यह भी सिखाता है कि जिस प्रकार सूर्य स्वयं दिनभर जलकर सबको प्रकाश देता है, इसी प्रकार हम भी निस्वार्थ भाव से सभी प्राणियों की नित्य और अखंड सेवा करें.
दिव्यध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात ३:२ (लम्बाई:चौड़ाई) है. केसरिया (भगवा) रंग के कॉटन अथवा सिल्क के कपडे पर माहेश्वरी निशान 'मोड़' अंकित (Printed or Painted) होता है; मोड़ निशान का आकार (साइज) निर्धारित नहीं है. माहेश्वरी ध्वज अपने आप में ही माहेश्वरी समाज के सिद्धांतों और निति को दर्शाता हुआ दिखाई देता है. सत्य, प्रेम, न्याय पर आधारित आत्मरक्षा, शांति, सुसंस्कार, समृद्धि और सदैव विकास की ओर अग्रेसर.
ई.स.पूर्व 3133 में जब भगवान महेशजी और माता पार्वती के कृपा से 'माहेश्वरी' समाज की उत्पत्ति हुई थी (देखें Link > माहेश्वरी समाज उत्पत्ति एवं संक्षिप्त इतिहास) तब जो माहेश्वरियों के गुरु थे उन्होंने भगवान महेशजी और माता पार्वती की प्रेरणा से माहेश्वरी निशान (प्रतीकचिन्ह/Symbol) मोड़ और दिव्यध्वज का सृजन किया था. गुरुओं का मानना था की यह ध्वज सम्पूर्ण माहेश्वरियों को एकत्रित रखता है, आपस में एक-दुसरेसे जोड़े रखता है. मोड़ (माहेश्वरी सिम्बॉल) और दिव्यध्वज माहेश्वरीयों की आन-बाण-शान का प्रतीक है. 
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माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिवस - महेश नवमी पर माहेश्वरी ध्वज "दिव्य-ध्वज" के साथ बाइक रैली |