Aarti — Jay Mahesh Jay Mahesh Jay Mahesh Deva | Bhagwan Mahesh Ji Ki Aarti | आरती भगवान महेश जी की | आरती — जय महेश जय महेश, जय महेश देवा | Author - Yogi Premsukhanand Maheshwari

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सदा वामांगी भवानी, गोद बिराजत गणेश;
भक्तों की रक्षा करे, कृपासिंधु महेश ।

जय महेश जय महेश, जय महेश देवा ।
गणेशजी पूत जाके, उमापति महादेवा ll धृ ll

सुखकर्ता दुखहर्ता, डमरूत्रिशूलधारी ।
माथे मुकुट चन्द्र सोहे, नंदी की सवारी ॥
फुल चढ़े फल चढ़े, और चढ़े चढ़ावा ।
मिश्री का भोग लगे, भक्त करें सेवा ॥ १ ॥

तुम हो सब के स्वामी, ठाकुर तुम मेरे ।
करुणा बरसाओ प्रभु, द्वार खडे तेरे ॥
रिद्धि सिद्धि घर आवे, हो संतन की सेवा ।
हर हर महादेव, महाकाल महादेवा ॥ २ ॥

बल बुद्धि बिद्या देत, निरोगी देत काया ।
बाँझन को संतान देत, निर्धन को माया ॥
कष्ट मिटे तन मन का, पाप हरो देवा ।
जय जय शिवशंकर, शम्भु सदाशिवा ॥ ३ ॥

निसदिन महेशजीकी, जो आरती उतारे ।
मनवांछित फल पावे, बने काज सारे ॥
खम्मा-खम्मा-खम्मा, बेडा पार करो देवा ।
दास प्रेम शरण आए, सफल कीजे सेवा ॥ ४ ॥

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भगवान शिव (देवाधिदेव महेश जी) के इस फोटो को देखके
क्या समझ में आया?